सीकर के मास्टर प्लान पर विवाद बढ़ता जा रहा है और अब तक 1900 से अधिक आपत्तियाँ दर्ज हो चुकी हैं। नगर योजना विभाग को लगातार मिल रही इन आपत्तियों के बीच संघर्ष समिति ने 10 अगस्त को प्रदर्शन करने का ऐलान किया है, जबकि माकपा 25 जुलाई को धरना देगी। मास्टर प्लान का विरोध कर रहे किसानों, व्यापारियों, और आम नागरिकों का कहना है कि यह योजना जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर कुछ प्रभावशाली वर्गों के हित में बनाई गई है।
मास्टर प्लान और आपत्तियों की बाढ़
सीकर शहर के प्रस्तावित 2023-2041 मास्टर प्लान को लेकर बीते 20 दिनों में नगर नियोजन विभाग को 1900 से अधिक आपत्तियाँ प्राप्त हुई हैं। इन आपत्तियों में कहा गया है कि मास्टर प्लान बिना किसी ठोस तर्क के तैयार किया गया है। शहरी सीमा से सटे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
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माननीय सांसद @nishikant_dubey जी का आभार।#Ajmer #Godda #Jharkhand #Rajasthan
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आंदोलन की तैयारी
संघर्ष समिति द्वारा 10 अगस्त को किए जाने वाले प्रदर्शन की तैयारियां जोरों पर हैं। माकपा भी 25 जुलाई को धरना देने की योजना बना रही है। आपत्तियों की अंतिम तिथि 24 जुलाई है, पर इससे पहले ही माहौल गरमा गया है। लोगों के असंतोष और गुस्से को देखते हुए यह आंदोलन और अधिक व्यापक हो सकता है।
स्थानीय निकायों की भूमिका पर सवाल
प्रस्तावित मास्टर प्लान के खिलाफ सबसे अधिक आपत्तियाँ ग्रामीण क्षेत्रों से आई हैं, जिनमें सीकर, हरदासपुरा, गढ़, डादली, और करसाडा प्रमुख हैं। लोगों का आरोप है कि इन क्षेत्रों को बिना उचित तर्क के शहरी क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है। स्थानीय निकायों की भूमिका पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं।