Sikar Band News Today: राजस्थान के सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को खत्म करने के विरोध में शनिवार को सीकर और नीमकाथाना में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ। दोनों ही जगहों पर लोगों और विभिन्न संगठनों ने इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। सीकर में बाजार बंद का मिश्रित असर देखने को मिला, वहीं नीमकाथाना में रैलियाँ और प्रदर्शन लगातार जारी रहे।
सीकर के जाट बाजार, घंटाघर, रेलवे स्टेशन और अन्य प्रमुख इलाकों में दुकानदारों से दुकानें बंद करने की अपील की गई थी, हालांकि आवश्यक सेवाओं से जुड़े अस्पताल, मेडिकल शॉप, पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी जैसी दुकानें खुली रही। सीकर में प्रदर्शन के दौरान नवलगढ़ रोड पर बंद समर्थकों और एक रेस्टोरेंट मालिक के बीच विवाद हो गया। यह विवाद मारपीट तक बढ़ गया, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और लोगों ने समय रहते बीच-बचाव किया, जिससे स्थिति नियंत्रण में आ गई।
सीकर को संभाग से हटाने के बाद शहर में कॉंग्रेस का प्रदर्शन वही सीकर बंद के दौरान समर्थन नहीं करने वालो के साथ मारपीट का वीडियो सामने आया है! हालांकि पुलिस साथ में है और बचाव भी..#sikar @INCIndia pic.twitter.com/wMTJ4hCEDl
— Deepak kumawat (@Danny_deepz) January 4, 2025
सीकर में टैक्सी यूनियन (सीटू) ने भी इस बंद का समर्थन किया और प्रदर्शन में हिस्सा लिया। संघर्ष समिति के सदस्य भागीरथ मल जाखड़ ने बताया कि यह विरोध सरकार को चेतावनी देने के लिए किया गया है। उनका कहना था कि जब तक सीकर को फिर से संभाग और नीमकाथाना को जिला का दर्जा नहीं दिया जाएगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने आगे चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में यह आंदोलन और उग्र हो सकता है, जिसमें सड़कें जाम की जाएंगी और मुख्यमंत्री के पुतले भी जलाए जाएंगे।
इस विरोध के दौरान, माकपा के जिला सचिव पेमाराम और कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला ने भी सरकार की निंदा की। उन्होंने भाजपा सरकार को किसानों और युवाओं के प्रति उदासीन बताया और कहा कि इस कदम से राज्य का विकास नहीं, बल्कि विनाश हो रहा है। माकपा और अन्य विपक्षी दलों ने इस फैसले को एक गलत दिशा में उठाया गया कदम करार दिया।
वहीं, नीमकाथाना में भी विरोध तेज हो गया। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली और अपनी नाराजगी जाहिर की। महासंघ के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक नीमकाथाना को जिला और सीकर को संभाग का दर्जा नहीं मिल जाता।
नीमकाथाना में बार संघ ने भी विरोध जताते हुए 10 जनवरी तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की। इसके साथ ही, नीमकाथाना जिला बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य पांच दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। विधायक सुरेश मोदी ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही नीमकाथाना को जिला का दर्जा नहीं दिया गया, तो यह आंदोलन और भी उग्र हो जाएगा।
यह विरोध सरकार के खिलाफ एक बड़े जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है, जिसमें लोग अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इस आंदोलन के आगे किस तरह का कदम उठाती है। फिलहाल, सीकर और नीमकाथाना के लोग अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से एकजुट हैं और उनका आंदोलन जारी रहेगा।