Ram Mandir उद्घाटन के लिए आज का दिन ही क्‍यों चुना गया? कौन हैं गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रव‍िड, जिन्‍होंने निकाला प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त

Naveen Kumar
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Ram Mandir Ayodhya Pran Pratistha: आज विश्व राम मंदिर का साक्षात स्वरूप देख रहा है। अयोध्‍या में आज राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही आज भगवान श्रीराम अपने महल में विराजमान हो गए हैं। इसके साथ ही करोड़ों देशवासियों का 500 साल पुराना सपना भी साकार हो गया है। ना सिर्फ अयोध्‍या नगरी, बल्कि पूरा भारत आज राममय नजर आ रहा है।

चहुंओर और खुशियों का माहौल है और प्रभु श्रीराम की जय जयकार हो रही है। अयोध्‍या में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्‍ठान पूरे विधि विधान के साथ किया गया। राम मंदिर के गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजा-अर्चना की। लेकिन, क्‍या आप जानते हैं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए आज का दिन ही क्‍यों चुना गया? दरअसल, इसके पीछे बेहद खास वजह है, जो हम आपको बताएंगे।

क्‍यों चुना गया आज का दिन ?

आपको बता दें कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त पंडित गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रव‍िड ने निकाला है। काशी के ज्‍योतिषाचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रव‍िड के मुताबिक, 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक शुभ मुहूर्त रहा। इस दिन किसी भी मुहूर्त में पांच दोष बाण – रोग बाण, मृत्यु बाण, राज बाण, चोर बाण और अग्नि बाण का प्रभाव नहीं था।

ज्‍योतिषाचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री ने पंचांग के अनुसार बताया कि 22 जनवरी को यह 84 सेकंड का समय ही बहुत खास है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग जैसे शुभ योग भी 22 जनवरी के दिन ही बन रहे थे, जो कि बेहद ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा 22 जनवरी को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है, जो कि भगवान विष्‍णु का दिन माना जाता है। भगवान श्रीराम भी विष्णु के अवतार माने जाते हैं। इसलिए 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के लिए बेहद शुभ माना गया है और इस दिन को चुना गया है।

कौन हैं पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़? (Who is Pandit Ganeshwar Shastri Dravid)

काशी के रामघाट इलाके में गंगा किनारे रहने वाले गणेश्वर शास्त्री जगद्गुरु रामानंदाचार्य पुरस्‍कार से सम्‍मानित हैं। शास्त्री द्राविड वेदों और पुराणों सहित अनेक शास्त्रों के विद्वान हैं। माना जाता है कि गणेश्‍वर शास्‍त्री से बड़ा भारत में कोई अन्‍य ज्‍योतिषचार्य नहीं हैं, जो ग्रह, नक्षत्र, चौघड़‍ियों की गणना कर सकते हैं।

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