HMPV Virus News: चीन का HMPV वायरस कितना जानलेवा? भारत में भी अलर्ट! जानें क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय?

Kamal Kumar
Kamal Kumar - Sub Editor
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HMPV Virus News: चीन में इन दिनों Human Metapneumovirus (HMPV) के मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है, जिसके कारण भारत सरकार ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। इस वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भारत सरकार का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) पूरी स्थिति पर करीबी निगरानी रखे हुए है और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों से समन्वय बनाए हुए है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मौसमी इन्फ्लुएंजा और श्वसन संबंधी संक्रमणों की निगरानी को सख्त कर दिया है।

आधिकारिक सूत्रों के हवाले से ANI ने बताया कि, “हम इस स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखेंगे, जानकारी की सत्यता की जांच करेंगे और तदनुसार जल्द अपडेट करेंगे।” HMPV एक ऐसे वायरस के रूप में सामने आया है, जिसे अक्सर हल्के श्वसन संक्रमण के रूप में अनदेखा किया जाता है, लेकिन यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न कर सकता है।

Human Metapneumovirus (HMPV) क्या है?

Human Metapneumovirus (HMPV) Pneumoviridae परिवार और Metapneumovirus जीनस का हिस्सा है। यह एक सिंगल-स्ट्रैंडेड नेगेटिव-सेंस RNA वायरस है, जो श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (China CDC) के अनुसार, HMPV का संक्रमण लगभग 3 से 5 दिन तक रहता है। हालांकि, यह वायरस इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है, जिससे व्यक्ति को बार-बार संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है।

HMPV कैसे फैलता है?

अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (US CDC) के अनुसार, HMPV वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, या नजदीकी संपर्क जैसे हाथ मिलाने के माध्यम से फैलता है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में इसका प्रभाव अधिक गंभीर हो सकता है।

HMPV के लक्षण:

HMPV से जुड़े लक्षण मुख्य रूप से श्वसन प्रणाली से जुड़े होते हैं, जैसे:

  • खांसी
  • बुखार
  • नाक बंद होना
  • सांस लेने में तकलीफ

इन लक्षणों के आधार पर इसे सामान्य सर्दी-खांसी या इन्फ्लुएंजा के साथ भ्रमित किया जा सकता है, लेकिन यदि समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो यह गंभीर रूप से विकसित हो सकता है।

HMPV से बचाव के उपाय:

HMPV से बचाव के कुछ प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:

  • नियमित रूप से हाथ धोना, विशेष रूप से गंदे हाथों से आंख, नाक, या मुंह को छूने से बचना।
  • संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना।
  • खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रुमाल से ढकना।
  • बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना।

चीन में HMPV की स्थिति:

चीन में HMPV के मामलों में हाल ही में वृद्धि देखी जा रही है, खासकर उत्तर चीन के प्रांतों में, जहां 14 साल से कम उम्र के बच्चों में यह वायरस तेजी से फैल रहा है। चीन की बीमारियों की रोकथाम प्राधिकरण (China CDC) ने हाल ही में एक पायलट प्रणाली शुरू की है, ताकि अज्ञात कारणों से होने वाले निमोनिया के मामलों की निगरानी की जा सके।

भारत में बढ़ी निगरानी:

भारत में भी इस वायरस के फैलाव को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। Dangs Lab के CEO डॉ. अर्जुन डांग ने ANI से बातचीत में कहा, “HMPV एक कम पहचाना गया वायरस है, लेकिन यह मौसमी श्वसन बीमारियों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारत में भी इसकी निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि संक्रमण के शुरुआती लक्षणों की पहचान की जा सके।”

सर्दी के मौसम में श्वसन रोगों के मामलों में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे HMPV जैसी बीमारियों का खतरा और बढ़ सकता है। इसलिए, विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकतम जागरूकता और स्वास्थ्य उपायों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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